सिख धर्म का उद्भव और दूसरे धर्मो के साथ संबंध
आज जिक्र करेंगे जब से सिख धर्म का इस धरती पर आने और गुरु नानक के फलसफे k बाद कभी सिख चैन से नहीं बैठ पाया है इसके कई उदाहरण है गुरु नानक की बाबर से तल्खी , गुरुओ की जहांगीर से तल्खी जिसमे गुरु अर्जन जी को गर्म तवे पर बिठा शहीद किया गया जिसमे भारत के वो लोग शामिल थे जो ईर्षा वश सिख धर्म से नफरत करने लगे
समय k साथ गुर बहादर को चांदनी चौक मैं शाहिद कर कई ओर सिख शहीद हुए
वक्त आया गुरु गोबिंद सिंह साहिब का माता जी को कुर्बान पिता पहले ही शहीद 4 बेटे शहीद कर दिए गए अनगिनत माए और बच्चे सिख शहीद हो गए
समय बदला अंग्रेज शासन आया तब भी पंजाब अंग्रेजो के भारत पर शासन करने के १०० साल बाद कब्जा पा सके वो भी अपने देश k लोगो की धोखा धडी के कारण भगतसिंह करतार सिंह सराभा जैसे लोग देश के लिए कुर्बान हो गए जलीया वाला बाग हादसा पहले सिख विरोधी ताकतों ने स्वर्ण मंदिर मैं रखने का प्रस्ताव रखा पर सिख लीडर समझदारी से काम लेते हुए मना कर दिया फिर जलीया वाला बाग मैं प्रस्तावित हुआ इसको भी षड्यंत्र k तहत मोर्चा लगाया गया अंग्रेजो की मिली भगत से
जिसमे 1300 से उपर सिख शहीद हुए इस हादसे में भी देश के चंद सिख विरोधी लोग अंग्रेजो से मिल कर साजिश रची इस हादसे से पहले अंग्रेजी पीठुओ ने 4 अंग्रेज मार दिए ओर एक अंग्रेज महिला का गैंग रैप और उसकी हत्या बड़ी निर्ममता से हुई बहुत बड़ा कारण था सिख नरसंहार का
देश आजाद हुआ उस समय अंग्रेज सिखो को अपना शासन दें रहे थे पर समय के शासकों ने यहा भी सिख कौम को धोखा दिया जो प्रिविलेज सिख कौम को आजादी k समय देने का वायदा किया वो आज तक सिख कौम को नही मिला और इसके प्रमाण लंदन के म्यूजियम मैं मोजूद है
