पंजाब पुलिस और शिरोमणि अकाली दल
30 साल बाद खुले एक पंजाब की पुलिस कस्टडी मैं हुई हत्या का खुलासा हुआ है जिसमे अकाल तख्त के का जत्थेदार गुरदेव सिंह कौंके जी की नृशंस हत्या का मामला सामने आया है जिसमे एक झूठे मुकाबले में गिरफ्तार कर हत्या कर लाश के टुकड़े नदी मैं बहा दी गई जिसमे कई पुलिस अफसरों पर निशाना है उनकी हत्या का मुकदमा 30 साल बाद भी दर्ज नहीं हुआ है मामला सामने आने के बाद कई सामाजिक संस्थाएं और सिख जाथेबंदिया सक्रिय हो गई है और सिख कौम मैं भारी रोश है जिसमे सीधा सीधा प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह का नाम आ रहा है क्या केंद्र सरकार या ह्यूमन राइट एसोसिएशन इसमें कार्यवाही कर के मामले मैं संज्ञान लै मरने वाले परिवार को न्याय दिलवा पाएंगी या राजनेताओं और पुलिस का एक और मामला दफन हो जायेगा और मानवता पैरो तले रौंद दी जाएगी
बेहद चौकाने वाली बात भी सामने आ रही है की अभी भी गुरदेव सिंह कौंके को भगोड़ा साबित मैं करने लगी

